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    Sahara Shree: महज 2 हजार रुपए से शुरू किया कारोबार, एयरलाइंस कंपनी के मालिक बने सुब्रत रॉय

    नई दिल्ली: भारत में कॉर्पोरेट जगत में टॉप बिजनेस लीडर्स की लिस्ट शामिल सुब्रत रॉय का जीवन संघर्ष किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। बिहार के अररिया जिले में 10 जून, 1948 को जन्मे सुब्रत रॉय ने कोलकाता में शुरुआती पढाई की और फिर गोरखपुर के एक गवर्नमेंट कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिग्री ली। उन्होंने लीक से हटकर रास्ता अपनाया और गोरखपुर में अपना पहला कारोबार शुरू किया। अपने बुलद इरादों के चलते वे प्लेन तक के मालिक बने। इसके बाद बुलंदियों पर पहुंचे सुब्रत रॉय के सितारे गर्दिश में जाने लगे तो वे संभल नहीं और और इसी बीच अतत: मंगलवार को वे दुनिया से चल बसे।

    बता दें सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय का मंगलवार को दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। कंपनी ने एक बयान जारी कर यह जानकारी दी। बयान के अनुसार, उच्च रक्तचाप, मधुमेह सहित विभिन्न बीमारियों से लंबे समय से जूझ रहे सुब्रत रॉय का दिल का दौरा पड़ने के कारण रात 10.30 बजे निधन हो गया। उनके पिता का नाम सुधीर चंद्र रॉय और माता का नाम छवि रॉय था।

    कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद रविवार को उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कंपनी ने बयान में कहा, उनके निधन से हुई क्षति को पूरा सहारा इंडिया परिवार गहराई से महसूस करेगा।

    सुब्रत रॉय ने वर्ष 1978 में सहारा की जब शुरुआत की थी तो उनके पास महज 2000 रुपए ही थे। लेकिन एक छोटे शहर से बिजनेस शुरू करके दुनिया भर में अपना कारोबार फैलाया। सहारा इंडिया विविध व्यावसायिक हितों वाला समूह है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) के साथ लंबी कानूनी लड़ाई के बाद निवेशकों के खिलाफ कथित धोखाधड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय को उनकी कंपनी के दो निदेशकों अरेस्ट करके जेल में डाल दिया गया था। 4 मार्च 2014 को तिहाड़ जेल भेजा गया था। सुब्रत रॉय को निवेशकों के 20,000 करोड़ रुपए ब्याज समेत लौटाने को कहा गया है। उनके पास भारत और विदेशों में कई अचल संपत्तियां हैं।

    सहारा समूह ने 1991 में एयर सहारा की स्थापना थी और 1993 में फ्लाइट्स ऑपेरेशन शुरू किया। सहारा समूह ने 1992 में हिंदी भाषा का समाचार पत्र राष्ट्रीय सहारा शुरू किया। सहारा समूह ने 2003 में सहारा टीवी के साथ टेलीविजन क्षेत्र में प्रवेश किया। 1990 के दशक के अंत में पुणे के पास एम्बी वैली सिटी project शुरू किया था। 2000 के दशक में सहारा ने लंदन के ग्रोसवेनर हाउस होटल और न्यूयॉर्क शहर के प्लाजा होटल जैसी प्रतिष्ठित संपत्तियां खरीदीं।

    70 के दशक में सुब्रत रॉय के बारे में लोग बताते हैं कि तब वह गोरखपुर में एक स्कूटर से चलते थे। जब वह कारोबार की बुलंदियों पर थे, तब उन्हेंने सहारा एयर लाइन्स की भी स्थापना की थी। लेकिन सेबी विवाद और निवेशकों के साथ लेन-देन के विवाद के बाद रॉय फैमिली के सितारे गर्दिश में आ गए। अभी तक सहारा ग्रुप मुश्किलों से बाहर आते हुए नजर नही आ रहा है।

    सहारा समूह कभी आईपीएल की पुणे फ्रेंचाइजी का मालिक भी रहा और फॉर्मूला वन रेसिंग टीम फोर्स इंडिया में उसकी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी थी। सहारा समूह ने 90,000 करोड़ रुपए की निवेश राशि जुटाई थी। रियल इस्टेट में कई बड़े प्रोजेक्ट शुरू किए। हास्पिटल की चेन शुरू की। मीडिया में भी टीवी, प्रिंट, फिल्म में बिजनेस खड़ा किया। फिनानशियल सर्विस, इंश्योरेंस जैसे क्षेत्रों में मजबूत प्रजेंसेस दिखाई। लेकिन एक के बाद एक खटके लगते गए और सहारा ग्रुप का ‘जहाज’ अभी भी तूफानों के झंझावातों में फंसा हुआ है।

    सुब्रत रॉय के 2004 में अपने दोनों बेटों दो बेटे शुशांतो रॉय और सीमांतो रॉय की शादी लखनऊ में की थी। स्टेडियम में हुई इस शादी पर करीब 500 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इसमें राजनीति, ग्लैमर, खेल और कारोबारी जगत की हस्तियों ने शिरकत की थी। अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या रॉय, अनिल अंबानी और मुलायम सिंह जैसी हस्तियां इसमें शामिल हुई थी।

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